Uttarakhand News, 16 October 2023: इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के चर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया है। कई दिनों तक चली बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया। निचली अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोठी D 5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की अदालत ने यह फैसला सुनाया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर व सुरिंदर कोली को फांसी की सजा के खिलाफ अपीलों पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। फांसी की सजा के खिलाफ दोनों हाईकोर्ट में अपील दायर की है। विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की। बता दें कि 7 मई 2006 को निठारी की एक युवती को पंधेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था. इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी. युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था. इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे. पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था, बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे. युवती के अपहरण, दुष्कर्म व हत्या के मामले में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

निठारी कांड में सीबीआई ने कुल 16 मामले दर्ज किए थे. सभी मामलों में आरोप पत्र पूर्व में ही पेश किए जा चुके हैं. 13 मामलों में पूर्व में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा हो चुकी है. निठारी कांड के दो मामलों में कोर्ट कोली को साक्ष्य के अभाव में बरी कर चुकी है. मोनिंदर सिंह पंधेर के खिलाफ सीबीआई ने 6 मामले दर्ज किए थे, जिनमें से दो मामलों में पधेर को कोर्ट ने बरी कर दिया था. तीन मामलों में कोर्ट ने पंधेर को फांसी की सजा‌ सुनाई थी.