Uttarakhand News, 22 May 2023: नैनीताल: शहर में अजैविक कूड़े के निस्तारण को लेकर नगरपालिका सराहनीय पहल शुरू करने जा रही है। रिसाइकल संस्था के सहयोग से शहर में डिजिटल डिपाजिट रिफंड सिस्टम को धरातल पर उतारा जाएगा। इसके तहत प्लास्टिक पैक उत्पादों के पैकेटों पर क्यूआर कोड सिस्टम लागू होगा।

पहले चरण में प्लास्टिक की पानी और कोल्ड्रिंक की बोतलों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। पूर्व में जिला प्रशासन और अब पालिका ने सहयोगी रिसाइकल संस्था के साथ एमओयू कर लिया है। कवायद को धरातल पर उतारने के लिए व्यापारियों के साथ बैठक कर रूपरेखा तैयार की जाएगी।

रोजाना निकलता है 15 से 18 टन कूड़ा: शहर में रोजाना 15 से 18 टन कूड़ा निकलता है। पर्यटन सीजन के दौरान यह मात्रा बढ़कर 25 टन तक पहुंच जाती है। जिसमें आधे से अधिक मात्रा अजैविक कूड़े की होती है। जिसके निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण इसे पालिका वाहनों से हल्द्वानी भिजवाया जाता है। समस्या को देखते हुए बीते वर्ष दिसंबर में जिला प्रशासन ने रिसाइकल संस्था से संपर्क किया था।

यह संस्था केदारनाथ यात्रा मार्ग पर डिजिटल डिपाजिट रिफंड सिस्टम को लेकर सराहनीय कार्य कर रही है। ईओ आलोक उनियाल ने बताया कि पूर्व में संस्था जिला प्रशासन से एमओयू कर चुकी है। प्रशासन स्तर पर दो बैठकों के बाद अब पालिका ने भी संस्था से एमओयू कर लिया है। जल्द ही संस्था कर्मियों की व्यापारियों के साथ बैठक की जानी है। जिसमें संस्था के लोग व्यापारियों को तैयार की गई कार्ययोजना से अवगत कराएंगे।

ऐसे कार्य करता है डिजिटल डिपाजिट रिफंड सिस्टम: ईओ ने बताया रिसाइकल संस्था लंबे समय से केदारनाथ यात्रा स्थल पर डिजिटल डिपाजिट रिफंड सिस्टम पर कार्य कर रही है। जिसमें प्लास्टिक बोतलों में पैक उत्पादों को क्यूआर कोड लगाकर पांच अथवा दस रुपये अतिरिक्त लेकर बेचा जाता है। खरीदने वाला उपभोक्ता जब खाली बोतल वापस करता है तो शेष रुपये उसे रिफंड कर दिए जाते हैं।

शहर में बनेंगे कलेक्शन सेंटर: ईओ ने बताया शहर में विभिन्न स्थलों पर कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जहां पर्यटक कहीं से भी खरीदे गए उत्पादों की खाली रैपर जमा कर शेष रुपया रिफंड ले सकेंगे। साथ ही कलेक्शन को लेकर रेगपिकर्स को भी काम पर लगाया जाएगा। खाली रैपर जमा करने में उन्हें उत्पाद खरीद के समय लिया गया अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा। जिससे वह कार्य करने को प्रोत्साहित होंगे।

पहले चरण में प्लास्टिक बोतलों से होगी शुरुआत: ईओ ने बताया कि पहले चरण में प्लास्टिक बोतलों में पैक पानी कोल्ड्रिंक जैसे उत्पादों पर सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके लिए शहर में उत्पाद सप्लाई करने वाले होल सेलरों से संपर्क कर प्लास्टिक बोतलों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। जिसका अच्छा रिस्पांस नजर आने के बाद इसे अन्य प्लास्टिक पैक उत्पादों पर भी लागू किया जाएगा।

हाई कोर्ट के निर्देश पर आएगी तेजी: शहर में जल्द योजना धरातल पर उतरने की उम्मीद है। बीते दिनों हाई कोर्ट ने भी प्रदेशभर में इस सिस्टम को बोतल उत्पादन स्तर पर लागू करने के निर्देश सरकार को दिए हैं। जिससे योजना को धरातल में उतारने में तेजी आएगी।

डिजिटल डिपाजिट रिफंड सिस्टम बेहद कारगर साबित होगा। कोर्ट के निर्देशों पर फिलहाल सरकार की ओर से इस संबंध में दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। मगर जिला प्रशासन व पालिका स्तर पर बीते वर्ष दिसंबर से इसे लेकर कवायद की जा रही है। जिसे जल्द लागू कर दिया जाएगा।