Uttaranchal News, 1 अक्तूबर 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में जनसभा को संबोधित करेंगे। आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम में यह आयोजन होगा। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के आदिवासी भी इसमें भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा) पहुंचकर शहीदों को नमन किया। उन्होंने धूणी पर पहुंचकर पूजन किया। आरती भी उतारी। इस दौरान राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के मुख्यमंत्री उनके साथ थे। उन्होंने गोविंद गुरु का नमन किया। तीनों ही राज्यों के भील आदिवासियों के लिए यह स्थान महत्वपूर्ण है और इस वजह से तीनों ही राज्यों से आदिवासी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
वायुसेना के विशेष विमान से वे मानगढ़ धाम पहुंचे। यहां वे स्मारक को राष्ट्रीय दर्जा देने की घोषणा कर सकते हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल भी मानगढ पहुंच गए हैं। तीनों राज्यों के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद हैं।
भाजपा आदिवासी समाज में पैठ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर भाजपा ने इस वर्ग को साधने के लिए बड़ा दांव खेला था। वहीं, अब मोदी की बांसवाड़ा यात्रा को राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासियों को लुभाने की भाजपाई कोशिश माना जा रहा है। मोदी यहां आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसमें राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश तीन राज्यों के हजारों आदिवासी लोग शामिल होंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम मोदी जनसभा के दौरान मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकते हैं।
मानगढ़ धाम का आजादी से पहले का पुराना इतिहास भी है। यहां 109 साल पहले करीब 1500 लोगों का नरसंहार कर दिया गया था। इस नरसंहार को जलियांवाला बाग से भी बड़ा बताया जाता है। हालांकि, कई साल पहले तक इस बारे में बहुत कम लोगों को ही पता था। 19वीं शताब्दी में मानगढ़ टेकरी पर अंग्रेजी फौज ने आदिवासी नेता और समाज सेवक गोविंद गुरु के 1,500 समर्थकों को गोलियों से भून दिया था। गोविंद गुरु से प्रेरित होकर आदिवासी समाज के लोगों ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ ‘भगत आंदोलन’ चलाया था। गुरु लोगों को मादक पदार्थों से दूर रहने और शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। साथ ही वह बांसवाड़ा, डूंगरपुर, संतरामपुर और कुशलगढ़ के रजवाड़ों द्वारा करवाई जा रही बंधुआ मजदूरी के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
आदिवासी सीटों पर है नजर: राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात की 99 विधानसभा सीटें आदिवासी बहुल्य हैं। ऐसे माना जा रहा है कि पीएम मोदी मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर यहां के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर सकते हैं। राजस्थान विधानसभा की 25, मध्य प्रदेश में 47 और गुजरात में 27 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।