Uttarakhand News, 12 October 2023: पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): ‘भारत माता की जय’ उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि की जनता से मिले स्नेह और स्वागत के लिए सभी का धन्यवाद दिया. पीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है, लोग भारत को जानना चाहते हैं, लेकिन उत्तराखंड आए बिना भारत को जाना नहीं जा सकता.

बता दें कि, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के कुमाऊं दौरे पर थे. यहां उन्होंने सबसे पहले पिथौरागढ़ में आदि कैलाश के दर्शन किए, फिर पार्वती कुंड में पूजा अर्चना की. इसके बाद पीएम गुंजी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीण महिलाओं, बच्चों से मुलाकात की. यहां भारतीय सेना, आईटीबीपी और बीआरओ के जवानों संग भी समय बिताया.

उत्तराखंड को ₹4,200 करोड़ के विकास परियोजनाओं की सौगात: बीच में कुछ समय के लिए पीएम मोदी अल्मोड़ा स्थित जागेश्वर धाम भी पहुंचे और वहां से पिथौरागढ़ लौटकर उन्होंने उत्तराखंड को ₹4,200 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी. परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकर्पण के बाद पीएम ने देवभूमि की जनता को संबोधित किया. पीएम ने पहाड़ के लोगों से जुड़ते हुए उनका उत्तराखंड से जुड़ाव का जिक्र किया.

उत्तराखंड के लोग पीएम मोदी को लिखते हैं चिट्टी: उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्य की तरह उत्तराखंड उनसे जुड़ा हुआ है. उत्तराखंड के लोग अक्सर उन्हें चिट्ठी लिखते हैं और अपना हर सुख-दुख उनके साथ बांटते हैं. अगर कुछ सुधार की गुंजाइश कहीं दिखती है तो उसके बारे में भी उनको बताते हैं. यहां तक कि जब सरकार ने पिछले 30-40 सालों से लटका हुआ महिला आरक्षण बिल संसद में पास किया तो देवभूमि की बहनों ने भी उनको चिट्ठी लिखी.

दुनिया में आज भारत की आवाज बुलंद: पीएम ने कहा कि, चुनौतियों से घिरी दुनिया में आज भारत की आवाज बुलंद होती जा रही है और इसका उदाहरण हाल ही में संपन्न हुए G20 समिट के दौरान देखने को मिला. इस आयोजन में दुनिया ने भारत का गुणगान किया. पीएम मोदी ने इसका श्रेय देशवासियों को देते हुए कहा कि, जब-जब भारत दुनिया को दिशा दिखाता तो अच्छा लगता है लेकिन ये सब कुछ देशवासियों की देन है, क्योंकि देश ने ही उनको सेवा करने का मौका दिया.

चांद पर भी उत्तराखंड की शक्ति पहुंच गई: वहीं, चंद्रयान की सफलता पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा चंद्रयान वहां पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश आजतक नहीं पहुंच सका. भारत ने चंद्रयान के उस हिस्से को शिव-शक्ति नाम दिया है. ये नाम सीधा उत्तराखंड से जुड़ा है. उत्तराखंड आज खुश है क्योंकि चांद पर भी उत्तराखंड की शक्ति पहुंच गई है.

एशियन गेम्स में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का डंका: वहीं, हाल ही में संपन्न हुए एशियन गेम्स में भारत के प्रदर्शन पर बात करते हुए पीएम ने उत्तराखंड के दो खिलाड़ियों लक्ष्य सेन और वंदना कटारिया का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि भारत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 100 से ज्यादा मेडल जीते हैं. उत्तराखंड से 8 खिलाड़ी एशियन गेम्स में गए थे, जिसमें से लक्ष्य सेन की टीम और वंदना कटारिया की टीम ने जीत दर्ज कराई है. पीएम ने विशेष तौर पर आह्वान करते हुए वहां मौजूद सभी लोगों से मोबाइल की फ्लैश लाइट चलाकर इन खिलाड़ियों का अभिनंदन करने को कहा. इसके साथ ही पीएम ने कहा कि भारत के खिलाड़ी देश दुनिया में अपना परमच लहराएं इसके लिए सरकार खिलाड़ियों की पूरी मदद कर रही है, सरकार खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर करोड़ों रुपए खर्च कर ही है.

वन रैंक वन पेंशन की मांग: पीएम ने देश के सीमांत क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड के हर गांव में देश के रक्षक हैं. यहां माताओं ने वीरों को जन्म दिया है, जो आज देश की रक्षा कर रहे हैं. इसलिए वन रैंक-वन पेंशन की मांग को मोदी सरकार ने पूरा किया है. इस सरकार ने 70 हजार करोड़ रुपए सैनिकों को वन रैंक-वन पेंशन के तौर पर दिए हैं.

पीएम मोदी का संकल्प: बॉर्डर एरिया में 4 हजार से ज्यादा सड़कें बनी हैं. बॉर्डर तक ट्रेनों को भी लाया जा रहा है. पहले सीमावर्ती क्षेत्रों और गांवों को अंतिम गांव माना जाता था और विकास के मामले में भी उनका नंबर अंतिम आता था. वर्तमान केंद्र सरकार ने उन्हें पहला गांव माना और विटेंज गांव के तौर पर उनका विकास हो रहा है. सरकार चाहती है कि इन गांवों में पर्यटन बढ़े और यहां का पलायन रुके. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ये उनका संकल्प है कि पहाड़ का पानी और जवानी यहीं के काम आए. उन्होंने कहा कि पहली सरकारों की गलती से यहां लोगों को कुछ नहीं मिला. हालांकि अब स्थिति बदल रही है. डबल इंजन सरकार का प्रयास है कि बिजली, हॉस्पिटल और बड़ा निवेश इन सीमांत क्षेत्रों में किया जाए.

गरीब बहनों को पक्का घर दिया, शौचालय बनाकर दिया, गैस कनेक्शन दिया, मुफ्त राशन आज भी चल रहा है ताकि गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे. उत्तराखंड में 11 लाख परिवारों को पाइप से पानी की सुविधा मिल रही है. इस साल लाल किले से स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन के लिए लोन का घोषणा की गई है. ये ड्रोन उत्तराखंड को आधुनिकता की ओर लेकर जाएंगे.

पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के प्रयास हैं कि मानसखंड को भी ऊंचाई पर लेकर जाना है. केदारखंड और मानसखंड को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जो लोग बदरीनाथ और केदारनाथ आएंगे वो जागेश्वर धाम, आदि कैलाश, और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकें ये प्रयास किया जा रहा है. उनके इस दौरे से बाकी पर्यटक भी यहां तक पहुंचेंगे. मानसखंड माला मिशन शुरू किया गया है. इससे कुमाऊं के मंदिरों तक आवाजाही आसान होगी. बदरीनाथ और केदारनाथ आने वाले यात्री इस ओर जरूर आएंगे. अब मानसखंड में यात्रियों की संख्या जबरदस्त बढ़ने वाली है.

कनेक्टिविटी की बात करते हुए पीएम ने कहा कि, ऑल वेदर रोड, चारधाम परियोजना से काफी सुविधा हुई है. वहीं, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पूरी होने के बाद तो पूरे क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा. इस पूरे क्षेत्र में उड़ान योजना के तहत सस्ती हवाई सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है. बागेश्वर से कनालीछीना तक गंगोलीहाट से अल्मोड़ा से टनकपुर से पिथौरागढ़ की सड़कों का काम शुरू हो गया है. इससे आमजन को सुविधा के साथ-साथ पर्यटन से कमाई के अवसर भी बढ़ेंगे. आने वाले समय में टूरिज्म सेक्टर का बहुत अधिक विस्तार होने वाला है.

लोकसंस्कृति से प्रभावित हुए पीएम: पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड के गांव-गांव में गंगा-गंगोत्री है, यहां के हिमशिखरों में शिवजी और नंदा विराजते हैं. यहां के मेले विशिष्ठ पहचान रखते हैं. पांडव नृत्य, छोलिया, मांगल गीत, फूलदेई, हरेला, बग्वाल, और रम्माण जैसे सांस्कृतिक आयोजन से देवभूमि समृद्ध है. वहीं, स्वाद के मामले में भी पहाड़ों का कोई मुकाबला नहीं. रोट, अरसे, झंगोरे की खीर, कफली, पकौड़े, रायता, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, सिंगोरी का स्वाद कौन भूल सकता है.

आपदा के जख्म सहता है उत्तराखंड: पीएम के कहा कि, बीते समय में उत्तराखंड जिस तरह प्राकृतिक आपदाओं से घिरा रहा है. इन आपदाओं में परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं. प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आने वाले चार-पांच सालों में उत्तराखंड में 4 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे. ऐसी सुविधाओं का निर्माण होगा जिससे आपदा की स्थिति में राहत और बचाव का काम तेजी से हो सके.

उत्तराखंड से मिले प्यार से अभिभूत हुए पीएम: अपने संबोधन को अंत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से देवभूमि की जनता का अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि, हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद सात किलोमीटर सड़क मार्ग से वो सभा स्थल तक पहुंचे और उनको यहां आने में देर इसलिए हुई क्योंकि इस रास्ते में दोनों ओर ‘मानव दीवार’ खड़ी थी. ऐसी भीड़ लगी थी कि जैसे परिवार में कोई शुभ अवसर हो, मंगल वातावरण में महिलाओं ने आरती और गुलदस्ते लेकर उनका स्वागत किया. इस स्वागत के लिए वो उत्तराखंडवासियों का आभार व्यक्त किया. ‘भारत माता की जय’ के साथ पीएम ने संबोधन का अंत किया.