Uttarakhand News, नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2022: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को एक वीडियो संदेश के जरिए कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस सम्मेलन का आयोजन गुजरात के कानून और न्याय मंत्रालय ने किया है। इसका उद्देश्य नीति नियंताओं के लिए एक ऐसा साझा मंच प्रदान करना है जिससे भारतीय वैधानिक और न्यायिक तंत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
राज्यों के कानून मंत्री व कानून सचिव इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे. पीएमओ ने कहा कि सम्मेलन दौरान जल्द और किफायती न्याय के लिए मध्यस्थता जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र, संपूर्ण कानूनी बुनियादी ढांचे के उन्नयन, बेकार हो चुके कानूनों को समाप्त करने, न्याय की पहुंच में सुधार करने, लंबित मामलों की संख्या कम करने और मामलों का जल्द निपटारा सुनिश्चित करने जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी. इनके अलावा केंद्र व राज्यों के बीच बेहतर तालमेल के लिए राज्यों के कानून संबंधी प्रस्तावों में एकरूपता लाने जैसे विषय भी चर्चा के केंद्र में रहेंगे.

गृहमंत्री अमित शाह आज सिरमौर दौरा करेंगे: हाटी आभार रैली के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को सिरमौर के सतौन में पहुंचेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। स्थानीय लोक निर्माण विश्राम गृह में खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने पत्रकार वार्ता में कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने के बाद उनका आभार व्यक्त किया जाएगा। उधर अमित शाह के प्रस्तावित दौरे के लिए पुलिस विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं।

अध्यक्ष पद के चुनाव से स्पष्ट हो गया, कांग्रेस मजबूती से बढ़ रही आगे: कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा, ‘चुनाव से ये स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस पार्टी की मजबूती बढ़ती जा रही है. देश में किसी भी पार्टी में चुनाव से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता है. जो लोग लोकतंत्र के बारे में बोलते है उन्हें अपनी पार्टी के अंदर भी ये दिखाना चाहिए. इस चुनाव में मैं और खरगे साहब हमारी पार्टी के सामने अलग-अलग संकल्प रखते हैं. खरगे साहब की जीत हो या मेरी जीत हो हम दोनों चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी की जीत होनी चाहिए।

जेपी नड्डा की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा है हिमाचल चुनाव: हिमाचल प्रदेश का इतिहास हर बार सत्ता बदलने का रहा है। जनता एक बार भाजपा को तो दूसरी बार कांग्रेस को सत्ता सौंपती रही है। इस लिहाज से इस बार यहां कांग्रेस की दावेदारी मजबूत है। पिछले तीन उपचुनावों में कांगेस को मिली जीत भी जनता का मन बदलने के संकेत में देखी जा रही है।