Uttarakhand News, 7 अक्टूबर 2022 देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय (uttarakhand secretariat) में गुरुवार को मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू (Chief Secretary Dr SS Sandhu) की अध्यक्षता में प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई. इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि रेगुलर पुलिस में शामिल किए जाने हेतु जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल किए जाने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं.
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों का अधिकांश हिस्सा राजस्व पुलिस के अंतर्गत आता है। समय के साथ इन क्षेत्रों के नैसर्गिक सौंदर्य के कारण यहां पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। इससे यहां होटल, होम स्टे व रिसार्ट आदि की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही यहां आपराधिक गतिविधियां भी देखने को मिली हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए थे निर्देश: हाल ही में हुआ अंकिता हत्याकांड इसी का एक उदाहरण है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को राजस्व क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से सिविल पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने राजस्व क्षेत्रों को सिविल पुलिस को सौंपे जाने को लेकर जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिविल पुलिस की जरूरत है, उनके प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजे जाएं। जहां सिविल पुलिस के थाने व रिपोर्टिंग चौकी खोलने अथवा इनका क्षेत्र विस्तार करने की जरूरत है, उनके प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजे जाएं।
उन्होंने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को जघन्य अपराधों की श्रेणी तय करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जघन्य अपराध की श्रेणी में शामिल सभी मामलों की जांच तुरंत सिविल पुलिस को सौंप एफआइआर दर्ज करने को भी कहा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने महिला सुरक्षा के प्रति अधिक संवेदनशीलता से कार्य करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि पुलिस को इसमें अधिक सक्रिय होकर कार्य करना होगी।
उन्होंने अपेक्षा की कि पुलिस एक ऐसी मोबाइल एप बनाए, जिसमें किसी भी क्षेत्र में कार्य करने वाले महिलाएं अपनी जानकारी दर्ज कर सकें, ताकि अप्रिय घटना होने की स्थिति में तत्काल जानकारी मिल सके।
उन्होंने पुलिस से एक काल सेंटर बनाने की भी अपेक्षा की, जहां से इन महिलाओं से समय-समय पर उनका हालचाल पता किया जाए। उन्होंने इस एप के प्रचार-प्रसार के साथ ही महिलाओं और उनके स्वजन को इसके प्रति जागरूक करने के भी निर्देश दिए।