Uttarakhand News, 02 March 2023: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास कुमार के बीच जमकर बहस हुई। दोनों के बीच विवाद की वजह वकीलों के चैंबर के लिए होने वाले जमीन आवंटन से जुड़ा मामला है। दरअसल, एससीबीए अध्यक्ष ने चीफ जस्टिस, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के सामने इस मामले को मेंशन करने की मांग की थी। उन्होंने अपील की कि वह पिछले छह महीनों से इस मामले की लिस्टिंग कराने में सफल नहीं हो पाए हैं। हालांकि, उनकी इस अपील पर सीजेआई नाराज हो गए। उन्होंने एससीबीए प्रमुख से पूछा कि क्या एक भी दिन सुप्रीम कोर्ट की बेंच खाली बैठी रही है?

क्या थी विकास कुमार की मांग?
विकास कुमार ने सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने कहा, “अप्पू घर की जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने SCBA की याचिका पर आया और बार को इस मामले में बेमन से सिर्फ एक ब्लॉक मुहैया कराया गया। इस जमीन पर निर्माण पूर्व चीफ जस्टिस एनवी रमण के कार्यकाल में शुरू होना था। पिछले छह महीने से हम इस मामले को लिस्ट कराने में भी कामयाब नहीं हो पाए हैं। मुझे एक साधारण याचिकाकर्ता के तौर पर ही मान लें।”

क्या बोले चीफ जस्टिस चंद्रचूड़?
इस पर सीजेआई ने कहा, “आप इस तरह से जमीन की मांग नहीं कर सकते। आप हमें बताइए, किस दिन हम पूरी तरह से खाली बैठे हों।” इस पर बार अध्यक्ष ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि आप लोग खाली बैठते हैं। मैं सिर्फ अपना मामला लिस्ट कराने की कोशिश कर रहा हूं। अगर यह नहीं होता, तो मुझे इस मामले को लॉर्डशिप के घर तक ले जाना होगा। मैं नहीं चाहता कि बार को इस तरह से लिया जाए।” विकास सिंह की इस टिप्पणी पर चंद्रचूड़ भड़क गए। उन्होंने कहा, “एक चीफ जस्टिस को इस तरह धमकी मत दीजिए। क्या यही आपका बर्ताव है? कृपया बैठ जाइए। इस तरह से आपका मामला लिस्ट नहीं होगा। कृपया मेरी कोर्ट से निकल जाइए। मैं इस तरह से केस की लिस्टिंग नहीं करुंगा। मैं आपकी बातों से डरने वाला नहीं हूं।”

17 फरवरी को होगी केस पर सुनवाई
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “मिस्टर विकास सिंह, अपनी आवाज तेज न करें। एक अध्यक्ष के तौर पर आपको मेंटर होना चाहिए और बार का नेतृत्व करना चाहिए। लेकिन मुझे दुख है कि आप इसे सिर्फ बहस का मुद्दा बना रहे हैं। आपने एक अनुच्छेद 32 के तहत याचिका लगा रखी है। आप चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट को आवंटित जमीन को बार को चैंबर के निर्माण के आवंटित कर दिया जाए। हम इस मामले पर सही समय पर विचार करेंगे। इस तरह से हाथ मरोड़कर अपने लिए राहत की उम्मीद न करें।” मैंने फैसला कर लिया है इस मामले पर 17 फरवरी को सुनवाई होगी और उस दिन सुनवाई के लिए यह पहला केस नहीं होगा।