उत्तराखंड, 19 सितंबर 2022: उत्तर प्रदेश से लगे उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में स्मैक और चरस तस्करी का जाल बिछा चुके माफिया ने पहाड़ पर अपना नया ठिकाना तलाश लिया है। न सिर्फ नया ठिकाना बना लिया है, लेकिन आठ गैंग इस धंधे में पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। पहाड़ पर पनप रहे नए नशे के नए गैंग को पुलिस क्रैक करने की कोशिश कर रही है और हाल के महीनों में पुलिस ने साढ़े 10 करोड़ से ज्यादा का ड्रग्स कुमाऊं से बरामद किया है।
नशे के कारोबार से माफिया नए लोगों को जोड़ रहे हैं। पहले इन्हें नशे का आदी बनाया जाता है और फिर पैडलर। यही पैडलर स्मैक तस्करी के जाल में फंस कर गैंग का हिस्सा बन जाते हैं। तस्करी का सबसे बड़ा नेटवर्क अल्मोड़ा जिले में तैयार किया जा रहा है। यहां पांच नए गैंग सामने आए हैं और पुलिस ने इन पांच गैंग के 13 गुर्गों पर गैंगेस्टर भी लगा दिया है। जबकि नैनीताल जिले में दो नए गैंग सक्रिय हैं और इनके 10 गुर्गों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं बागेश्वर में एक नया गैंग सामने आया है और इस गैंग के कुल दो सदस्यों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है। कुमाऊं के यही तीन पहाड़ी जिले हैं, जहां माफिया अपना नेटवर्क फैला रहे हैं।
पूरे कुमाऊं में इस माह अगस्त तक कितना नशा खपाया जा चुका है, इसका सटीक आंकलन तो नहीं किया जा सकता, लेकिन बरामदगी से खपत का अनुमान जरूर लगाया जा सकता है। इस वर्ष अगस्त तक कुमाऊं के सभी छह जिलों की पुलिस ने करीब 70 किग्रा चरस, सात किग्रा से ज्यादा स्मैक, 10 किग्रा डोडा अफीम, 6550 नशीली गोलियां, 28 हजार नशीले कैप्सूल, करीब आट हजार नशीले इंजेक्शन, 713 किग्रा से ज्यादा हैरोइन और करीब पांच किग्रा अफीम बरामद की जा चुकी है। इस पूरे माल की कीमत 10 करोड़ 53 लाख रुपए से ज्यादा है।
कुमाऊं में साढ़े 10 करोड़ और सिर्फ नैनीताल में चार करोड़ 55 लाख रुपए से ज्यादा का नशा बरामद किया गया। ये नैनीताल पुलिस की सक्रियता है कि इतनी बड़ी बरामदगी आठ माह में की गई। हालांकि ये भी सच है कि नैनीताल पुलिस ये नहीं बता सकती कि माफिया इन आठ महीनों में कितना माल खपा चुके हैं। इसके बाद सबसे बड़ी तीन करोड़ 58 लाख रुपए से ज्यादा की बरामदगी ऊधमसिंहनगर पुलिस ने की है। इसके बाद चम्पावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और फिर बागेश्वर है।