उत्तराखंड: उत्तराखंड में नई वाहन कबाड़ नीति (स्क्रैप पॉलिसी) लागू करने की कवायद तेज हो गई है। सरकार ने कबाड़ घोषित होने वाले वाहनों के लिए स्क्रैप सुविधा सेंटर खोलने के मानक तय कर लिए हैं। छोटे, मध्यम और अन्य श्रेणियों के वाहनों के स्क्रैपिंग सेंटर के लिए अलग अलग-अगल मानक बनाए गए हैं। केंद्र सरकार ने नई स्क्रैप पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी के लागू होते ही 15 साल पुराने कमर्शियल और 20 साल पुराने प्राइवेट वाहन कबाड़ घोषित हो जाएंगे। साथ ही तय आयु से पहले भी यदि कोई वाहन फिटनेस में फिट नहीं पाया जाता है तो उसे भी कबाड़ घोषित किया जाएगा।
स्क्रैप पॉलिसी लागू करने से पहले से ऑटोमेटिक वाहन फिटनेस और स्क्रैप सेंटर होना जरूरी है। राज्य में देहरादून और रुद्रपुर में ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। अब स्क्रैप सेंटर खोलने की भी तैयारी शुरू हो गई है। जहां वाहनों को स्क्रैप करने के बाद वाहन स्वामी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
छोटे श्रेणी के वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए मैदानी क्षेत्रों में एक एकड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 0.5 एकड भूमि का होना जरूरी है। जबकि मध्यम और अन्य श्रेणी के वाहनों के लिए मैदानी में क्षेत्र तीन एकड और पर्वतीय क्षेत्र में 1.5 एकड भूमि का होना जरूरी है। इसके साथ ही स्क्रैपिंग यार्ड के मुख्य मार्ग की चौड़ाई मैदानी क्षेत्र में सात और पर्वतीय में पांच मीटर तय की गई है।
स्क्रैप सेंटर के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को पहचान पत्र, स्वामित्व प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र के साथ अन्य प्रमाण पत्र देने होंगे। आवेदन के बाद संबंधित क्षेत्र के संभागीय परिवहन कार्यालय के एआरटीओ और आरआई संयुक्त रूप से केंद्र का संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। सेंटर के सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद ही संचालन की अनुमति दी जाएगी।
स्क्रैप सेंटर के मानकों को लेकर शासन से पत्र मिला है। यदि कोई सेंटर के आवेदन करता है तो इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।