Uttarakhand News 08 April 2024: Surya Grahan Timing यह पहला मौका होगा जब भारतीय विज्ञानी जमीन के साथ आसमान से भी सूर्यग्रहण की जांच और परख कर सकेंगे। आठ अप्रैल यानी सोमवार को साल का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। 15 लाख किमी की ऊंचाई से आदित्य एल-1 और पृथ्वी से देश के सौर विज्ञानियों की नजरें दूरबीनों के साथ ग्रहण लगे सूर्य पर जमी रहेंगी।

नैनीताल। यह पहला मौका होगा जब भारतीय विज्ञानी जमीन के साथ आसमान से भी सूर्यग्रहण की जांच और परख कर सकेंगे। आठ अप्रैल यानी सोमवार को साल का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण लगने जा रहा है।

15 लाख किमी की ऊंचाई से आदित्य एल-1 और पृथ्वी से देश के सौर विज्ञानियों की नजरें दूरबीनों के साथ ग्रहण लगे सूर्य पर जमी रहेंगी। यद्यपि यह ग्रहण भारत से नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए भारत के तीन विज्ञानी व एक इंजीनियर इसके अध्ययन के लिए अमेरिका रवाना हुए हैं।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के निदेशक और आदित्य एल-1 साइंस ग्रुप कमेटी व आउटरीच विभाग के सह अध्यक्ष प्रो. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि यह पूर्ण सूर्यग्रहण इस बार कई मायनों में खास होगा।

सुलझ सकती है अनसुलझी गुत्थियां
ग्रहण के दौरान संभव है कि सूर्य की कुछ अनसुलझी गुत्थियां सुलझ सकें। आदित्य एल-1 के लिए भी यह पहला मौका होगा। जिसे वह करीब से देख सकेगा और ग्रहण की तस्वीरों को हम तक पहुंचाएगा। प्रो. दीपांकर के अलावा एरीज के ही सौर विज्ञानी डा. एस कृष्णा प्रसाद व इंजीनियर टीएस कुमार टेक्सास और भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के पूर्व विज्ञानी प्रो. आरसी कपूर मैक्सिको से पूर्ण सूर्यग्रहण का अध्ययन करेंगे।

पूर्ण ग्रहण की अवधि करीब चार मिनट 27 सेकेंड की होगी। इस बीच भारतीय विज्ञानियों को आदित्य एल-1 द्वारा ली गई तस्वीरों का बेसब्री से इंतजार रहेगा। ये तस्वीरें दुनिया के सौर विज्ञानियों के लिए अध्ययन में बेहद मददगार होंगी।

पूर्ण सूर्यग्रहण के अध्ययन को भारत के तीन विज्ञानी अमेरिका रवाना, आदित्य एल-1 से उसके रहस्यों को समझने की बड़ी उम्मीद

भारतीय समयानुसार रात 9:12 बजे शुरू होगा सूर्यग्रहण
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के पूर्व विज्ञानी प्रो. आरसी कपूर के अनुसार भारतीय समय के अनुसार सोमवार रात 9:12 ग्रहण शुरू होगा और 2:22 बजे तक रहेगा। ग्रहण देखने को उत्तरी अमेरिका में दुनिया के लगभग सभी देशों के विज्ञानी भी शामिल होंगे। लंबी अवधि का होने के कारण हर कोई ग्रहण का साक्षी बनना चाहता है।