Uttarakhand News, 18 April 2023: पिथौरागढ़: रविवार को गुंजी में आयोजित कार्यक्रम से लौट रहे सैकड़ों लोगों को हिलवेज कंपनी की दादागिरी का शिकार होना पड़ा। धारचूला से लगभग सात किमी दूर दोबाट और स्याटा के मध्य कंपनी द्वारा बारूदी विस्फोट किए जाने से चट्टान खिसक गई और मार्ग बंद हो गया। गुंजी से देर सायं लौट रहे चार सौ से अधिक लोग फंस गए। फंसे लोगों ने वाहनों और कंपनी के कंटेनरों में रात गुजारी। कुछ ही लोगों को भोजन मिला परंतु अधिकांश लोग भूखे प्यासे रहे। कंपनी की इस चूक पर प्रशासन भी मौन रहा।
रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर काफी संख्या में लोग उच्च हिमालयी गांव गुंजी पहुंचे थे। लेकिन केंद्रीय मंत्री का दौरा रद हो गया था। गुंजी में आयोजित कार्यक्रम के बाद लोग शाम को धारचूला को लौटे। जिलाधिकारी सहित अन्य आला अधिकारी सबसे पहले आए। आला अधिकारियों के दोबाट से आगे आने के बाद हिलवेज कंपनी ने दोबाट और स्यांटा के मध्य ब्लास्टिंग कर दी।
गुंजी से वापस लौट रहे 50 के आसपास वाहन वहां फंस गए: विस्फोट के चलते विशाल चट्टान खिसक कर सड़क पर आ गई और मार्ग बंद हो गया। गुंजी से वापस लौट रहे 50 के आसपास वाहन वहां फंस गए। इन वाहनों में कर्मचारी, ग्रामीण, भाजपा नेता व कार्यकर्ता, मीडिया कर्मी, पुलिस जवान सहित आम लोग शामिल थे।
विस्फोट से गिरे विशाल बोल्डरों को हटाना संभव नहीं था। मार्ग बंद होने से फंसे लगभग चार सौ लोगों के पास कोई विकल्प नहीं रहा। फंसे लोग स्थिति को देखते हुए भड़क गए और हिलवेज कंपनी के कारकूनों पर आगबबूला हो गए। इस बीच मारपीट जैसी नौबत आ गई। मौके से ही जिलाधिकारी से फोन पर बात की गई और बताया गया कि उनके वाहन के यहां से गुजरने के बाद कंपनी द्वारा विस्फोट कर मार्ग बंद कर दिया गया है।
अधिकांश लोगों को भोजन नसीब नहीं हुआ: मौके पर फंसे लोगों के लिए आवास व भोजन की व्यवस्था की जाए। इस पर जिलाधिकारी ने कंपनी के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
इस पर कुछ लोगों के लिए कंपनी के द्वारा रात्रि साढ़े दस बजे भोजन बनाया गया। अधिकांश लोगों को भोजन नसीब नहीं हुआ। जिससे नाराज लोगों ने कंपनी के साइट इंचार्ज पर गुस्सा उतारा। इस बीच कुछ लोगों द्वारा समझाए जाने पर मामला शांत हुआ।
मार्ग में फंसी महिलाओं के लिए कंपनी के कंटेनर में रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई। पुरुषों ने वाहनों में बैठकर रात गुजारी। सोमवार सुबह से मलबा हटाने को कार्य शुरू हुआ। इसके बाद सुबह दस बजे लोग धारचूला पहुंच सके। पिथौरागढ़ के लोग अपरान्ह तीन बजे यहां पहुंचे।