Uttarakhand News, उत्तराखंड 27 अक्टूबर 2022: उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह स्वर्णमंडित (Gold Plating of Kedarnath Walls) हो गया है। केदारनाथ धाम के गर्भगृह को सोने से सजाया गया है। मंदिर के गर्भगृह की दीवारों और छतों को 550 सोने की परतों से सजाकर एक भव्य रूप दिया गया है।
श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह के स्वर्णमंडित का काम बुधवार सुबह पूरा हो गया। उन्होंने कहा कि यह काम पिछले तीन दिनों से चल रहा था।
19 कारीगरों ने 3 दिन में पूरा किया काम: अजय ने बताया कि केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों और छतों को तीन दिन में 19 कारीगरों द्वारा 550 परतों में भव्य रूप दिया गया है। IIT रुड़की, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च रुड़की और ASI की 6 सदस्यीय टीम ने धाम का निरीक्षण भी किया है।
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का काम एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद शुरू हो हुआ था। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि 3 दिन पहले 18 खच्चरों के जरिए 550 परतों में सोना केदारनाथ पहुंचाया गया था। उन्होंने बताया कि 19 कारीगरों ने दो ASI अधिकारियों की देखरेख में सोने की परतें लगाने का काम किया।
मंदिर में कैसे लगाया गया सोना?
मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने के लिए पहले दीवारों से चांदी हटाई गई। मंदिर समिति के अधिकारियों की मौजूदगी में चांदी को हटाने के बाद बाबा केदार के भंडार गृह में सुरक्षित रख दिया गया। उसके बाद चांदी की जगह तांबा लगाया गया।
गर्भगृह की दीवारों पर तांबा चढ़ाने के बाद नाप लिया गया और फिर से इस तांबे को निकालकर वापस महाराष्ट्र ले जाया गया, जहां तांबे की परत की नाप पर सोने की परत तैयार की गई। सोने की ये परतें मंदिर के गर्भगृह, चारों खंभों एवं शिवलिंग के आसपास की जलहरी में भी लगाई गई है।
सूर्य ग्रहण के दिन बंद थे मंदिर
उत्तराखंड में चारधाम सहित सभी छोटे-बडे मंदिरों के कपाट मंगलवार को साल के अखिरी सूर्य ग्रहण के चलते बंद रहे, जबकि हरिद्वार में भी सुबह होने वाली गंगा आरती नहीं हुई। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार, कई सौ साल बाद ग्रहण के मौके पर खग्रास ग्रह योग बना था। शाम को लगे सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल में सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था।