उत्तराखंड: उत्तराखंड में अब अगर बिजली उत्पादन शुरू होने तक ट्रांसमिशन लाइन तैयार नहीं हुईं तो जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पहली बार पावर सेक्टर का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।

जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन शुरू होने तक यदि ट्रांसमिशन लाइन तैयार नहीं हुईं, तो जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बिजली उत्पादन शुरू होने से पहले हर हाल में पिटकुल को ट्रांसमिशन और यूपीसीएल को डिस्ट्रीब्यूशन लाइन तैयार करनी होगी। नए सब स्टेशन भी तैयार करने होंगे। इसके लिए पावर सेक्टर का पहली बार मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।

इस मास्टर प्लान को लेकर सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने तीनों ऊर्जा निगमों के अफसरों के साथ पिछले दिनों बैठक की थी। इस बैठक में तीनों निगमों के साथ ही केंद्र सरकार के एनटीपीसी, एनएचपीसी, पॉवर ग्रिड समेत प्राइवेट कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में ये बात निकल कर आई कि कई बार बिजली उत्पादन शुरू होने तक पिटकुल की ट्रांसमिशन लाइनों का काम ही पूरा नहीं हो पाता।

पिथौरागढ़ में सुरिंगगाड़ पावर प्रोजेक्ट में यही दिक्कत आ रही है। हर साल करोड़ों की बिजली बर्बाद हो रही है। ऐसी दिक्कत भविष्य में पैदा न हो, इसके लिए पावर सेक्टर का मास्टर प्लान तैयार होगा। इस प्रोजेक्ट से मिलने वाली बिजली का सही इस्तेमाल करने को ट्रांसमिशन लाइन और सब स्टेशन कब तक तैयार होंगे। कहां-कहां डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम अभी तैयार नहीं हुआ है। इस मास्टर प्लान के जरिए पूरे पावर सिस्टम को मजबूत किया जाएगा।

ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन लाइन और सब स्टेशन तैयार न होने के कारण मौजूदा समय में सोलर प्रोजेक्ट को नुकसान हो रहा है। सोलर प्रोजेक्ट से तैयार होने वाली बिजली का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। नया सिस्टम तैयार न होने के कारण पुरानी लाइनों पर लोड बढ़ रहा है जिससे लाइन ट्रिप होती हैं। इसके कारण बिजली उत्पादन बाधित होता है।

ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा, ‘पावर सेक्टर का मास्टर प्लान बनाने का उद्देश्य यही है कि हर चीज पूरी तरह साफ हो। हाइड्रो प्रोजेक्ट तैयार होने तक ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों का काम पूरा हो जाए। ताकि बिजली उत्पादन बाधित न हो।’