Uttarakhand News 21 December 2023: उत्तराखंड में पांच जनजातियां भोटिया, थारू, जौनसारी, बोक्सा और राजी निवास करती हैं। इन्हें वर्ष 1967 में अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया था। पीएम जनमन योजना के तहत इन दिनों जनजातियों वाले क्षेत्रोें को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए चुना गया है।

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के तहत प्रदेश के जनजातीय वाले ऐसे क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ा जाएगा, जिनकी आबादी 100 से अधिक है। 15 नवंबर को देशभर में शुरू हुई इस योजना के तह उत्तराखंड को फिलहाल चार सड़कें और आठ पुल मिले हैं।

सड़कों और पुलों की डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। उत्तराखंड में पांच जनजातियां भोटिया, थारू, जौनसारी, बोक्सा और राजी निवास करती हैं। इन्हें वर्ष 1967 में अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया था। इनमें से बोक्सा और राजी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) में शामिल हैं।

योजना के तहत इन दिनों जनजातियों वाले क्षेत्रोें को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए चुना गया है। उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की नोडल एजेंसी यूआरआरडीए (उत्तराखंड रूरल रोड डेवलपमेंट एजेंसी) को सड़क और पुलों के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है।

दो किमी से लेकर 13 किमी तक की बनाई जाएगी सड़क:
पीएम ग्राम सड़क योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि योजना के तहत उत्तराखंड में प्रथम चरण में देहरादून जिले की हसनपुर, हरिद्वार की जसपुर चमरिया, चंपावत की खिर्दवाड़ी और पिथौरागढ़ की छिपलतरा बसावटों को सड़क मार्गों से जोड़ने के लिए चुना गया है।

इन बसावटों में को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए चार सड़कें और आठ पुल बनाए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जो शीघ्र ही स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत दो किमी से लेकर 13 किमी तक की सड़क बनाई जाएगी।

बताते चलें कि इस योजना का शुभारंभ पीएम मोदी ने 15 नवंबर को किया था। योजना के तहत देश में अनुसूचित जनजातियों का विकास किया जाएगा। ये वह अनुसूचित जनजातियां होंगी जो सबसे पिछड़ी होंगी। इसके तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित नौ मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। संपर्क मार्ग का निर्माण भी इनमें से एक है।