Uttarakhand News 31 Jan 2025: Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता उत्तराखंड में एक वर्ष से अधिक समय से रहने वाले सभी व्यक्तियों पर भी लागू होगी। जो व्यक्ति इसके तहत नियमानुसार पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
समान नागरिक संहिता की नियमावली समिति के सदस्य मनु गौड़ ने बताया कि समान नागरिक संहिता के दायरे में उत्तराखंड में एक वर्ष से अधिक समय से रह रहे सभी व्यक्ति आएंगे। इसका मूल निवास या स्थायी निवास से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यदि यह केवल मूल और स्थायी निवासियों पर ही लागू होती तो अन्य राज्यों से आने वाले बहुत सारे व्यक्ति इसके दायरे से छूट जाते।
पांच श्रेणियां तय
समान नागरिक संहिता में निवासी की जो परिभाषा दी गई है, वह केवल समान नागरिक संहिता से संबंधित विषयों के लिए दी गई है। इसके लिए भी पांच श्रेणियां तय की गई हैं।
इनमें स्थायी निवासी या मूल निवासी, राज्य सरकार या उसके किसी उपक्रम व संस्था का स्थायी कर्मचारी, केंद्रीय या उसके किसी उपक्रम का ऐसा स्थायी कर्मचारी, जो राज्य के क्षेत्र के भीतर कार्यरत है, राज्य में एक वर्ष से निवास कर रहा है अथवा राज्य सरकार या केंद्र सरकार की ऐसी योजना का लाभार्थी, जो राज्य में लागू है शामिल हैं। उपरोक्त सभी पर यह संहिता लागू है।
राज्य के डाटा बेस को और अधिक समृद्ध बनाना उद्देश्य
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पंजीकरण की सुविधा देने के साथ ही राज्य के डाटा बेस को और अधिक समृद्ध बनाना है। यह एक तरह से वोटर कार्ड की तरह है, जिसका मूल निवास या स्थायी निवास से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि संहिता के तहत भरे जाने वाले फार्म में कई प्रकार के विकल्प दिए गए हैं, इसलिए यह फार्म 16 पेज का हो गया है। बावजूद इसके फार्म को आनलाइन तरीके से भरने में पांच से 10 मिनट का समय लगेगा।
आनलाइन पंजीकरण अधिक सुविधाजनक
संहिता को हर तरीके से फुलप्रुफ बनाना था, इस कारण इसे विस्तृत रखा गया है। आफलाइन तरीके से भी इसे आधा घंटे में भरा जा सकता है। वेबपोर्टल पर आधार नंबर डालते ही विवरण खुद ही आ जाएगा, इसलिए आनलाइन पंजीकरण अधिक सुविधाजनक है।