Uttarakhand News, 01 July 2023: Uniform Civil Code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति के 13 माह के कार्यकाल में अभी तक 52 बैठकें हो चुकी हैं।
सूत्रों की मानें तो इस ड्राफ्ट में पुत्री को संपत्ति में बराबर का अधिकार देने, बहुविवाह प्रथा पर रोक लगाने, तलाक को विधि सम्मत बनाने आदि की व्यवस्था की जा सकती है। आइए जानते हैं समान नागरिक संहिता में की जा सकने वाली व्‍यवस्‍थाओं के बारे में…

पुत्री को भी संपत्ति में दिया जा सकता है अधिकार

  • उत्तराधिकार के लिए पुत्र व पुत्री के लिए समान व्यवस्था की जा सकती है। यानी, बेटी को भी संपत्ति में अधिकार दिया जाएगा।
  • पहली पत्नी के बच्चों को भी बराबर का अधिकार देने की व्यवस्था की जा सकती है।
  • पति की मृत्यु होने पर पत्नी के साथ माता-पिता को भी मुआवजा देने की व्यवस्था संभव है।
  • सूत्रों के अनुसार समिति ने ड्राफ्ट में विवाह को लेकर आयु सीमा तय करने की संस्तुति की है। सभी धर्मों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु एक समान रहेगी।
  • केंद्र द्वारा लोकसभा में लाए गए बाल विवाह निषेध संशोधन अधिनियम के अंतर्गत बालिका के विवाह की आयु 21 वर्ष की जा सकती है।
  • इसमें विवाह का पंजीकरण अनिवार्य की व्यवस्था हो सकती है, ताकि इसे कानूनी आधार दिया जा सके।
  • बहु विवाह प्रथा पर रोक लगाए जाने और लिव इन रिलेशनशिप में पंजीकरण की व्यवस्था के साथ ही अन्य सख्त नियम बनाए जा सकते हैं।
  • ड्राफ्ट में तलाक देने के लिए कानूनी प्रक्रिया को ही बाध्यकारी किया जा सकता है। तलाक के बाद पत्नी और बच्चों को भरण पोषण के लिए निश्चित धनराशि देना अनिवार्य करने संबंधी नियम बनाए जा सकते हैं। एक तरफा तलाक पर रोक लगाई जा सकती है। हलाला पर भी रोक लगाने की व्यवस्था की जा सकती है।
  • सभी धर्मों के लोगों को संपत्ति खरीदने व बेचने की व्यवस्था की जा सकती है। अभी कुछ धर्मों के लिए की गई व्यवस्था के अनुसार एक धर्म के व्यक्ति केवल अपने धर्म के व्यक्तियों को ही जमीन बेच सकते हैं। अन्य धर्मों के व्यक्तियों को जमीन बेचने पर रोक है।
  • ड्राफ्ट में गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है। किसी भी धर्म का व्यक्ति अनाथ बच्चे को गोद ले सकता है, बशर्ते वह उसका लालन पालन करने में सक्षम हो। इसके लिए विधिक प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा।
  • ड्राफ्ट में प्रदेश में लंबे समय से चले आ रहे कानूनों में संशोधन प्रस्तावित माने जा रहे हैं। इनमें भूमि खरीद की व्यवस्था प्रमुख है।
  • ड्राफ्ट में स्थानीय संस्कृति और परंपरा को बरकरार रखने के लिए इसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ की अनुमति न देने की व्यवस्था भी की जा सकती है।

मिले दो लाख 31 हजार से लिखित सुझाव

यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी की सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा अब पूरा हो गया है।

ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मुद्रित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी। इसके लिए कुछ दो लाख 31 हजार से लिखित सुझाव मिले और 20 हजार लोगों से बातचीत की गई है।