Uttarakhand News 07 Nov 2024: संयुक्त राष्ट्र महासभा के वैश्विक सड़क सुरक्षा सुधार संकल्प के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है। देश मे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के कड़े कदम उठाए जा रहे है। इसके तहत अभी तक सिर्फ चालक की जिम्मेदारी होती थी अब यात्रियों की भी जिम्मेदारी तय होगी।
वहीं अभी राष्ट्रीय राजमार्ग में होने वाली दुर्घटना में डेढ़ लाख तक कैशलेश दिए जाने की व्यवस्था थी इसे राज्य हाईवे पर लागू किये जाने की योजना है। वहीं सड़क सुरक्षा के तहत रोड सेफ्टी ऑडिट के साथ क्रश बैरियर लगाए जाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जागरूकता बढ़ाने के लिए सड़क सुरक्षा शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
चालकों की सुरक्षा को देखते हुए उनकी समय-समय पर काउंसिलिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। बीते चार नवंबर अल्मोड़ा जिले के सल्ट तहसील के कूपी में हुई भीषण बस दुर्घटना के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता चंद्र शेखर द्विवेदी से किए साक्षात्कार के अंश।…
प्रश्न: ओवरलोडिंग पहाड़ में दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। इसको रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
अजय टम्टा: पहाड़ में होने वाली दुर्घटनाओं में सबसे बड़ा कारण ओवरलोडिंग है। अब हम इसके लिए वाहन चालक के साथ यात्रियों की जिम्मेदारी तय करने जा रहे है। अभी तक ओवरलोड वाहन के चालक पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती थी। अब जो यात्री ओवरलोड गाड़ी में यात्रा करते हुए पाया जाता है। उस पर भी कार्रवाई होगी। ताकि यात्री भी अपनी जिम्मेदारी समझ सके। जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। ओवरलोड प्रति यात्री 200 रुपया जुर्माने के रूप में भी वसूला जाएगा। इसमें चालक व परिचालक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
प्रश्न: बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय क्या कर रहा है?
अजय टम्टा: संयुक्त राष्ट्र महासभा के वैश्विक सड़क सुरक्षा में सुधार संकल्प को अपनाते हुए 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत रोड सेफ्टी ऑडिट, राज्य सड़क सुरक्षा परिषद, सड़क सुरक्षा समिति की जिम्मेदारी तय की है। सड़क सुरक्षा कोष व सड़क सुरक्षा शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करना है।
प्रश्न: धूमाकोट के बाद सल्ट में बड़ा हादसा, सरकार इन दुर्घटनाओं के बाद क्या सबक ले रही है?
अजय टम्टा: कुछ कमियां जरूर है। जिसे लगातार ठीक करने के प्रयास किए जा रहे है। सड़कों के ब्लैक स्पॉट को खत्म करने की दिशा में तेजी से कार्य हुआ है। क्रश बैरियर लगाए गए हैं। जहाँ कमी है उसे भी ठीक किया जा रहा। एक और काम किया जा रहा है। हमारी चेकिंग एजेंसियों की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करना। इसके लिए इन संबंधित विभागों के इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करना शामिल है। राज्य सरकारों को भी गाइडलाइन भेजी जा रही है। संबंधितों की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है।
प्रश्न: दुर्घटना पीड़ितों के लिए सरकार क्या कर रही है। ताकि समय पर इलाज मिल सके और घायलों की जान बच सके?
अजय टम्टा: बीते माह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस व्यवस्था की है। जो भी व्यक्ति दुर्घटना में घायल होकर अस्पताल पहुँचता है तो उसे डेढ़ लाख तक कि इलाज की व्यवस्था सरकार करेगी। यह व्यस्वस्था सात दिनों तक चलेगी। पैसों की कमी के कारण अब इलाज नहीं रुकेगा। एनएच की सड़कों में यह व्यवस्था है, जल्द ही इसे राज्य हाइवे की सड़कों के लिए भी किया जाएगा।
प्रश्न: दुर्घटनाओं में अक्सर ड्राइवरों की लापरवाही सामने आती है। नशा, ओवरलोड बड़ी समस्या को रोकने को क्या कदम उठा रहे है?
अजय टम्टा: नशे में गाड़ी चलाने और ओवरलोड रोकने को पर्याप्त कड़े कानून है। संबंधित विभाग भी कार्रवाई कर रहे। एक चीज हम शुरू कर रहे है वह है चालकों की काउंसिलिंग। वाहन चालक कम पैसों में काम करते हैं। उनके काम के घंटे तय नहीं होते। यातायात नियमों के प्रति भी कम जागरूक होते है। नशे की प्रवृति भी ज्यादा देखी जाती है। अगर कॉन्सिलिंग होगी तो कई समस्या का समाधान हम कर सकते है। इससे सड़क दुर्घटना में भी कमी आएगी। सभी राज्यों को गाइडलाइन दे रहे हैं।
प्रश्न: सल्ट के कूपी में दुर्घटना का प्रमुख कारण क्या है?
अजय टम्टा: सल्ट के कूपी में दुर्घटना का कारण प्रथमदृष्टया लापरवाही दिखाई देता है। ओवरलोड गाड़ी दुर्घटना का कारण बनी। गाड़ी की फिटनेस पर भी सवाल है।
प्रश्न: पुराने वाहन, बगैर फिटनेस के सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। जो अक्सर दुर्घटना का कारण बनते है। इनके लिए कोई नियम तय किए गए हैं?
अजय टम्टा: पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए वाहन स्क्रेपिंग नीति बनाई गई है। इसके तहत वाहन स्वामियों को अपने पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले, अनफिट वाहन को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्सहित किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार ने केंद्र को इस संबंध में पत्राचार किया है। जल्द ही इस पर निर्णय ले लिया जाएगा।