देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर रोडवेज की बसों की हड़ताल के चलते शुक्रवार को लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन के कारण रोडवेज की बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है। हड़ताल के चलते विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों के पहिए जाम रहे। बसों का संचालन ना होने से यात्रियों, कामकाजी लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। परिवहन प्रबंधन ने आज दोपहर को एक बार फिर से मोर्चा के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया है।
जानकारी हो कि उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर प्रबंधन से वार्ता विफल हो गई थी। प्रबंधन ने मोर्चा के पदाधिकारियों को दुबारा गुरुवार को वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन तब भी बात नहीं बनी। जिसके चलते संगठन ने आज एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया। और अब संगठन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
कर्मचारियों की मांगे क्या हैं
-निगम की स्वयं की बसों का बेड़ा 2000 किया जाए।
-परिवहन निगम में कार्यरत सभी संविदा/ विशेष श्रेणी के कर्मचारियों का निगम में नियमितिकरण किया जाए।
-रॉयल्टी के तहत जो बसें संचालित की जा रही हैं उन पर तत्काल रोक लगायी जाए।
-श्रमिक संगठनों के कार्यालयों को खाली कराए जाने संबंधित आदेश को निरस्त किया जाए।
-आईएसबीटी देहरादून का स्वामित्व परिवहन निगम को दिया जाए।
-अन्य विभागों की तरह मृतक आश्रितों को भी अनुकंपा के आधार पर नियमित नियुक्तियां प्रदान की जाएं।
-परिवहन निगम के कार्यालयों/कार्यशालाओं में किसी भी अन्य स्रोत से कर्मचारियों के लगाए जाने पर रोक लगाई जाए।
-कर्मचारियों के लंबित देयकों व कर्मचारी ऋण समितियों की निगम में लंबित देयकों का भुगतान यथाशीघ्र किया जाए।
उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनरतले रोडवेड कर्मचारियों ने आईएसबीटी देहरादून परिसर में धरना दिया। मोर्चा के पदाधिकारियों ने 31 जनवरी की रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है।
किन किन रूटों पर हुआ असर
उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की हड़ताल के चलते देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार और श्रीनगर डिपो से किसी भी बस का संचालन नहीं किया गया।
वहीं दिल्ली, जयपुर,लुधियाना, आगरा, लखनऊ, धर्मशाला, पानीपत, चंडीगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सहारनपुर, अंबाला, मुरादाबाद, बरेली आदि के लिए भी बसें नहीं चली जिसकी वजह से लोगों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ी।