Uttarakhand News 30 Aug 2024: Uttarakhand Crime: काशीपुर के खड़गपुर देवीपुरा क्षेत्र में एक पानी से भरे प्लॉट में चार दिन पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिले युवक के केस के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।
मामले में आरोपितों ने पहले शशांक को नशे का इंजेक्शन दिया और बाद में विवाद होने पर पानी में धक्का देकर मार दिया गया। पुलिस ने दोनों युवकों को केवीआर हाईवे फ्लाई ओवर के नीचे से गिरफ्तार किया है। पुलिस को मौके से एक लॉक लगी कार मिली थी।
पानी से भरे प्लॉट में मिला था युवक का शव
गुरुवार को आईटीआई थाने में सीओ अनुषा बडोला ने मामले का पर्दाफाश करते हुए कहा कि 26 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली कि खड़कपुर देवीपुरा स्थित पानी से भरे प्लॉट में युवक का शव पड़ा है। मौके पर एक कार खड़ी है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवक का शव बरामद किया।
जेब में मिले आधार कार्ड से युवक की पहचान आवास विकास निवासी शशांक डोभाल पुत्र कृष्ण कुमार के रूप में हुई थी। पिता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। थाना प्रभारी प्रवीण कोश्यारी के नेतृत्व में इसकी जांच शुरू हुई।
जांच में पुलिस को पता चला कि बरामद कार सुभाष नगर निवासी राकेश सक्सेना पुत्र रघुनंद प्रसाद के नाम पर है। वारदात के दिन कार को राकेश सक्सेना का बेटा शिखर सक्सेना चला रहा था। घटना के बाद से ही शिखर दोस्त दीपक यादव पुत्र बाबूराम यादव के साथ फरार है।
पड़ताल के दौरान गुरुवार को पुलिस ने सुभाष नगर निवासी शिखर व दीपक यादव को केवीआर हाईवे फ्लाई ओवर के नीचे से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद दोनों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि शंशाक और शिखर बचपन के दोस्त थे और वह नशा करने के आदी थे।
25 अगस्त को शिखर ने पिता से कार मांगी। नशे के लिए शंशाक और दीपक के साथ वह खड़कपुर की ओर गए। खड़कपुर रेलवे फाटक से आगे श्मशान घाट के पास खाली प्लॉट में तीनों ने नशा किया। इसी दौरान शिखर का शंशाक से उधार के पैसे मांगने पर विवाद हो गया था।
शिखर व दीपक ने पानी से भरे प्लॉट में शंशाक डोभाल को धक्का दे दिया था। युवकों के मुताबिक नशे में होने के कारण शंशाक वहां से निकल नहीं पाया और उसकी मौत हो गई। बाद में शशांक का मोबाइल शिखर ने अपने पास रख लिया। दोनों गाड़ी छोड़कर फरार हो गए।
कीचड़ में फंसी कार ने पुलिस के काम किया आसान
शशांक की हत्या के बाद दोनों दोस्तों इतनी जल्दीबाजी में थे कि उनकी कार वहीं कीचड़ में ही फंस गई, उन्होंने निकालने की कोशिश की लेकिन वह नहीं निकला। आसपास के लोगों की हलचल से डरकर वह मौके पर कार को लॉक कर फरार हो गए।
मामले में दोनों ही युवक रात से अपना घर छोड़कर फरार हो गए थे। पुलिस ने जब कार मालिक का पता लगाया तो मामला खुल गया, जिसके बाद पुलिस ने शशांक के दोस्त शिखर के ऊपर निगाहे टेढ़ी की। मामले में उसके फोन कॉल डिटेल व स्थानीय लोगों की जानकारी पर यह बात पता चला कि शशांक आखिर बार इनके साथ ही दिखा था।
गलत संगत छुड़वाने को मां बेटे के साथ रह रही थी गाजियाबाद
कहा जाता है कि मौत इंसान को खींच लाता है, पीड़ित परिवार को जानने वालों का कहना है कि शशांक के इन दोस्तों से उसके परिजन इतने परेशान हो गए थे कि कैसे भी शशांक को इनसे दूर किया। इसके बाद शशांक की जिंदगी पटरी पर आ गई थी। वह अपनी मां के साथ गाजियाबाद में रहने लगा।
मां इसलिए उसके साथ रहती थी कि वहां उसकी संगत न बिगड़े। पिता नौकरी से रिटायर हो चुके थे और बेटी के साथ काशीपुर रहते थे। राखी से पहले गाजियाबाद से मां और शशांक त्योहार मनाने काशीपुर आए। लेकिन नियती को शायद कुछ और ही लिखा था।
कालोनी में मेडिकल स्टोर से ली थी सिरिंज
सूत्राें की मानें तो सिरिंज दीपक नाम के लड़के ने मौहल्ले के पास की दुकान से ही ली थी। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि दिन से ही इन्होंने नशा शुरू कर दिया था। शाम होते-होते व शशांक का फोन भी लेकर ऑफ कर चुके थे।