Uttarakhand News 28 September 2024: देहरादून। आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ने ग्राम विकास अधिकारी ब्लॉक लक्सर को गिरफ्तार किया है। विवेचना में आरोपित की संपत्ति आय के सापेक्ष 314 प्रतिशत अधिक पाई गई। आरोपित ने अपनी पत्नी के नाम पर उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये की संपत्ति व लग्जरी कार खरीदी थी। विजिलेंस ने आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
विजिलेंस की ओर से ग्राम विकास अधिकारी, ब्लॉक लक्सर, जिला हरिद्वार के विरुद्ध वर्ष 2020 में आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया था। विजिलेंस की ओर से वर्ष एक जनवरी 2007 से 31 दिसंबर.2018 तक उनके आय स्रोतों के बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि वैध स्रोतों से उन्होंने इस दौरान डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। वहीं छह करोड़ 23 लाख रुपये व्यय किया। विवेचना में कुल आय से चार करोड़ 72 लाख रुपये अधिक होना पाया गया, जोकि आय के सापेक्ष 314 प्रतिशत अधिक है।
करोड़ों की संपत्ति का विवरण नहीं दे सके
विजिलेंस ने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने के संबंध में उनसे जानकारी उपलब्ध कराने को कहा तो वह कोई भी विवरण नहीं दे पाए। साक्ष्यों के आधार पर आंकलन किया गया तो पता चला कि वीडीओ रामपाल ने अपनी पत्नी पूनम सिंह के नाम पर जनपद हरिद्वार में विभिन्न स्थानों पर सात भूखंड, गाजियाबाद में एक डुप्लेक्स बिल्डिंग, बुलंदशहर में एक भूखण्ड, एक मर्सिडीज कार, एक हुंडई कार, तथा तीन दुपहिया वाहन दो एक्टिवा व एक बुलेट खरीदा है।
आरोपित को किया गिरफ्तार
विवेचना में पर्याप्त तथ्यों के आधार पर शासन की ओर से आरोपित रामपाल के विरुद्ध न्यायालय में अभियोजन चलाए जाने की अनुमति प्रदान की गई। शुक्रवार को उन्हें विजिलेंस सेक्टर कार्यालय देहरादून बुलाया गया, जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया।
निदेशक विजिलेंस डा. वी मुरूगेसन ने जनता से अपील की है कि यदि कोई राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त अधिकारी, कर्मचारी व लोक सेवक रिश्वत की मांग करता है या उसकी ओर से आय से अधिक अवैध संपत्ति अर्जित की गई हो, तो इस संबंध में सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर-1064 व वाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क कर सकते हैं।
28 भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चल रही है जांच
विजिलेंस की ओर से आय से अधिक मामलों में वर्तमान में 28 प्रकरणों की खुली जांच की जा रही है। इनमें तीन ट्रैप, 12 एफआइआर और 13 अन्य प्रकरणों की खुली जांच शामिल हैं। इन प्रकरणों को लेकर शासन की ओर से विजिलेंस को खुली जांच की अनुमति मिली हुई है। जिनकी विवेचना डीएसपी और इंसपेक्टर स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है।
निदेशक विजिलेंस वी. मुरुगेसन ने बताया कि विजिलेंस की ओर से इस वर्ष आठ महीनों में प्रदेश भर में 22 ट्रैप किए गए, जिनमें सरकारी विभागों के 29 भ्रष्टाचारी अधिकारियों-कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार राजपत्रित अधिकारी और 25 गैर-राजपत्रित अन्य अधिकारी शामिल हैं।