Uttarakhand News : Ankita Murder Case : अंकिता हत्याकांड में एसआइटी 800 से अधिक मोबाइल नंबरों को भी खंगाल रही है। ये वो मोबाइल नंबर हैं, जो अंकिता की हत्या के 24 घंटे पहले और 24 घंटे बाद तक चीला नहर क्षेत्र में सक्रिय थे। इससे एसआइटी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपितों ने घटना वाले दिन, उससे पहले या बाद में संबंधित क्षेत्र में किस-किससे बातचीत की। ताकि कड़ी से कड़ी को जोड़कर हर रहस्य की तह तक पहुंचा जा सके।


पुलकित के पास हैं तीन मोबाइल: एसआइटी की ओर से जांच में लगाई गई एसटीएफ की सर्विलांस टीम अपने स्तर पर जांच कर रही है। एसआइटी को अभी तक पुलकित, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के मोबाइल मिल चुके हैं। टीम के पास अभी तक यही जानकारी है कि पुलकित के पास एक मोबाइल है। रिसॉर्ट कर्मचारियों की माने तो उसके पास अक्सर तीन मोबाइल देखे जाते थे। सर्विलांस एक्सपोर्ट के लिए अब उसके दो और मोबाइल को ढूंढ निकालना भी जरूरी हो गया है।

इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की जांच से घटनास्थल की पुष्टि: अंकिता हत्याकांड में एसआइटी इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की जांच से घटनास्थल की पुष्टि कर चुकी है। अब एसआइटी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती पुलकित के उन वीआइपी मेहमानों का पता लगाना है, जिनको वनन्तरा रिसार्ट में ‘स्पेशल सर्विस’ देने के लिए अंकिता पर दबाव डाला जा रहा था। एसआइटी का फोकस उन मोबाइल नंबरों पर भी है, जो चंद समय के लिए सक्रिय थे। इनकी अलग सूची तैयार की जा रही है। सूत्रों की मानें तो पुलकित के मोबाइल से भी उसके कई वीआइपी मेहमानों की जानकारी जांच कर रही टीमों के हाथ लगी है।

हालांकि, यह पता लगाना अभी बाकी है कि वो कौन से वीआइपी मेहमान थे, जिनके लिए उसने अंकिता की हत्या कर दी। वहीं, अभी तक पुलकित का एक मोबाइल एसआइटी को मिला है।

घटनास्थल पर एक्टिव मोबाइल नंबर का डाटा कंपनियों को भेजा: जिस रोज अंकिता भंडारी की हत्या हुई थी उस रोज वनन्तरा रिसॉर्ट और घटनास्थल चीला नहर के आसपास एक्टिव मोबाइल नंबर का डाटा सर्विलांस टीम के एक्सपर्ट ने संबंधित मोबाइल कंपनियों को भेजा है। जिससे हत्याकांड से जुड़े नंबरों के संबंध में कोई ठोस जानकारी मिल सके। इस दौरान कितने मोबाइल नंबर चंद समय के लिए एक्टिव थे, इसकी अलग से सूची तैयार की जा रही है। एसआइटी की ओर से इस मामले में एसटीएफ की सर्विलांस एक्सपर्ट की टीम को जांच के लिए यहां पर बुलाया गया था। टीम तीन दिन से यही पर काम कर रही है।

जानकारी के मुताबिक एम्स ऋषिकेश और बैराज के मध्य स्थित जितने भी मोबाइल टावर हैं उनके जरिये सर्विलांस एक्सपर्ट यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि 18 सितंबर के हत्याकांड से कितने मोबाइल नंबर जुड़े हो सकते हैं। टीम के सामने बड़ी चुनौती यह भी है कि बड़ी संख्या में कई नंबर ऐसे हैं जो आवाजाही के कारण टावर के रिकार्ड में दर्ज हुए हैं। सर्विलांस एक्सपर्ट की ओर से यहां तीन टीम लगाई गई है। एक टीम विशेष रूप से नहर के पास घटना स्थल की तस्दीक करने के लिए लगाई गई थी। जिसने अपना काम पूरा कर दिया है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत घटनास्थल के आसपास जितने भी मोबाइल नंबर सर्विलांस टीम को मिले हैं, उनमें आवाजाही के दौरान दर्ज नंबर को फिल्टर के आधार पर अलग किया जाएगा। जिसके बाद ज्यादा समय तक संबंधित क्षेत्र में एक्टिव रहे मोबाइल की अलग से जांच की जाएगी।