Uttarakhand News 14 September 2024: देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित राष्ट्रीय राजमार्ग-74 (एनएच-74) के घाेटाले के आरोपितों पर 15 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लांड्रिंग का आरोप है। इस मामले में मुख्य आरोपित रहे पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह और सात किसानों का नाम शामिल है। स्पेशल कोर्ट ईडी ने शुक्रवार को आरोपितों के खिलाफ दाखिल किए आरोपपत्र का संज्ञान लिया है। इस मामले में अब 13 नवंबर को अगली सुनवाई होनी है।

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कई किसानों की संपतियों को भी अटैच कर चुकी है। मार्च 2017 में एनएच-74 का घोटाला सामने आया था। यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा घोटाला बताया गया है।

तत्कालीन एडीएम प्रताप शाह ने ऊधमसिंहनगर की सिडकुल चौकी में एनएचएआइ के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ ही सात तहसीलों के तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उस समय त्रिवेंद्र सिंह की सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था।

घोटाले में दो आइएएस और पांच पीसीएस अफसर निलंबित किए गए जबकि 30 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी व किसानों को जेल जाना पड़ा था। एनएच-74 घोटाले के आरोप में तत्कालीन एसएलओ और पीसीएस अफसर दिनेश प्रताप सिंह को मुख्य आरोपित बनाया था। वह एक साल से अधिक समय तक जेल में रहे।

400 करोड़ रुपये से अधिक का था घोटाला
सरकार की ओर से जब घोटाले की जांच की तो यह घोटाला 400 करोड़ रुपये से अधिक का पाय गया। इसके बाद एसआइटी ने आरोपपत्र भी दाखिल किया व पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सहित कई अधिकारियों व किसानों के खिलाफ आरोप भी तय हुए। यह किसान पंजाब के हैं।

करोड़ों रुपये के इस घोटाले में ईडी भी सक्रिय हुई। ईडी ने अपनी जांच के दौरान अधिकारियों और किसानों की करोड़ों रुपयों की संपत्ति को अटैच किया। करीब तीन साल की लंबी जांच के बाद ईडी ने 10 सितंबर को पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह, किसान जिशान अहमद, सुधीर चावला, अजमेर सिंह, गुरवैल सिंह, सुखवंत सिंह, सुखदेव सिंह और सतनाम सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।