Uttarakhand News, 17 June 2023: अंतर धार्मिक व अंतरजाति में शादी के मामलों में प्रॉपर कानून का पालन किया जा रहा है या नहीं अब पुलिस इसकी जांच करवाएगी।
इस संबंध में पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के एसएसपी को आदेश जारी किए जाएंगे। अपर पुलिस महानिदेशक डा. वी मुरुगेशन ने बताया कि उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 को दिसंबर 2022 में संशोधन किया गया।
जिलाधिकारी कार्यालय में पंजीकरण करवाना अनिवार्य: नए कानून के तहत यदि कोई धर्म परिवर्तन करता है उसके लिए जिलाधिकारी कार्यालय में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। अब सभी जिलों के एसएएसपी व एसपी से जांच कराई जाएगी कि 2018 के बाद जो भी अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह हुए हैं उसमें कानून का पालन किया जा रहा है या नहीं।
कई मामलों में देखा गया है कि दूसरे धर्म का युवक दूसरे धर्म की युवती को भगाकर ले जाता है। इसके बाद अपहरण का मुकदमा दर्ज किया जाता है। पकड़े जाने के बाद दोनों शादी कर लेते हैं, जिसकी जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाती।
छह माह में अंतर धार्मिक विवाह के 46 मामले :अंतर धार्मिक मामलों में 2023 में पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष छह महीनों में ही अंतर धार्मिक विवाह के प्रदेश में 46 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे हैं, जिसमें मुस्लिम युवक नाम बदलकर पहले युवती को प्रेमजाल में फंसाता है और इसके बाद उससे शादी कर लेता है। शादी करने के बाद उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता है। वर्ष 2022 में इस तरह के 78 मामले सामने आए थे।