Uttarakhand News 21 Nov 2024: Uttarakhand Tourism: शहर में बढ़ते पर्यटक वाहनों के दबाव के बीच पार्किंग निर्माण के प्रोजेक्ट जोर तो पकड़ रहे है, लेकिन पार्किंग निर्माण जाम की समस्या से निपटने का स्थाई समाधान नहीं है। शहर के मेट्रोपोल, नेशनल होटल के समीप मैकेनाइज्ड पार्किंग, रुसी में अस्थाई पार्किंग के प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद पार्किंग निर्माण के लिए खाली स्थान नहीं बचेगा।

ऐसे में दिन प्रतिदिन वाहनों के बढ़ रहे दबाव को रोकने के लिए हल्द्वानी में ही पर्यटक वाहनों को रोक शटल सेवा से शहर तक लाया जाएगा। जिला प्रशासन ने इसको लेकर रानीबाग, काठगोदाम क्षेत्र में भूमि चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शहर में डीएसए, मेट्रोपोल, सूखाताल पार्किंग फुल होने के बाद पर्यटक वाहनों को रूसी बाईपास पर रोक दिया जाता है। जहां से शटल सेवा से पर्यटकों को शहर तक लाया जाता है।

वाहनों की लंबी कतार
मगर नैनीताल के साथ ही कैंची धाम जाने वाले पर्यटक वाहनों का दबाव बेहद बढ़ जाने के कारण एंट्री प्वांइट पर पर्यटक वाहनों को रोके जाने के बावजूद हल्द्वानी व कालाढूंगी मार्ग में वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।

हालांकि शहर में ढाई हजार वाहनों को पार्क किये जाने के लिए चार पार्किंग प्रोजेक्ट पर कार्य होना शेष है। मगर पर्यटक वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए अब हल्द्वानी क्षेत्र में ही पर्यटक वाहनों को रोके जाने पर विचार किया जा रहा है।

डीएम वंदना सिंह ने बताया कि भविष्य में पर्यटक वाहनों का और अधिक दबाव बढ़ने की संभावना है। ऐसे में हल्द्वानी के रानीबाग व काठगोदाम क्षेत्र में पर्यटक वाहनों को पार्क कर शटल सेवा से उन्हें नैनीताल व कैंची धाम लेकर जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

विभागीय स्तर पर पार्किंग निर्माण के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ढाई हजार बढ़ेगी वाहन पार्किंग की क्षमता शहर में वर्तमान पार्किंग व होटलों के भीतर करीब चार हजार वाहन पार्क किए जा सकते है।

किया जाना है चार प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन
भविष्य में पार्किंग क्षमता में विस्तार करने के लिए चार प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जाना है। डीएम ने बताया कि मेट्रोपोल में करीब नौ सौ, रुसी बाईपास में नौ सौ, हल्द्वानी रोड स्थित कोयला टाल भूमि पर मैकेनाइज्ड पार्किंग निर्माण किया जाना है।

इसके अलावा मल्लीताल अशोक होटल क्षेत्र में तीन मंजिला पार्किंग निर्माण को लेकर 5.8 करोड़ का प्रोजेक्ट शासन भेजा गया था। जिस पर शासन ने मंजूरी दे दी है। शासनादेश जारी होते ही पार्किंग निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। चारों प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने के बाद करीब ढाई हजार वाहनों को पार्क करने की क्षमता में विस्तार होगा।