Uttaranchal News, 21 January 2023: देहरादून: कुमाऊं मंडल में बनबसा थाने को देश के सर्वश्रेष्ठ 3 पुलिस स्टेशन में शामिल करने को लेकर खुशी की लहर है. वहीं थाना अध्यक्ष बनबसा उपनिरीक्षक लक्ष्मण सिंह को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया है. सभी मानक पूरे करने पर बनबसा थाने को पुरस्कार दिया गया है.

उत्तराखंड के पुलिस विभाग के लिए बेहद खुशी की खबर है. चंपावत के बनबसा थाने को देश के सर्वश्रेष्ठ 3 पुलिस स्टेशन में शामिल किया गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चंपावत जिले के बनबसा पुलिस स्टेशन को टॉप 3 रैंक पाने के लिए सम्मानित किया है.

बनबसा थाना देश के टॉप 3 में शामिल: बेहतर पुलिसिंग को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार देशभर के करीब 16,000 पुलिस स्टेशंस का आकलन करती है. उसके बाद बेहतर परफॉर्मेंस दिखाने वाले पुलिस स्टेशन को सम्मानित भी किया जाता है. इस कड़ी में इस बार उत्तराखंड के लिए चंपावत के बनबसा थाने से अच्छी खबर आई है. दरअसल, बनबसा थाने को देश के टॉप 3 सर्वश्रेष्ठ थानों में जगह मिली है. बनबसा थाने की बेहतर परफॉर्मेंस के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिषद दिल्ली में बनबसा स्टेशन को सर्वश्रेष्ठ 3 स्टेशन में शामिल होने के लिए सम्मानित किया.

केंद्रीय गृह मंत्री ने दिया प्रशंसा प्रमाण पत्र: थाना अध्यक्ष बनबसा उपनिरीक्षक लक्ष्मण सिंह को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रशंसा प्रमाण पत्र के साथ प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया. चंपावत के बनबसा थाने को सम्मान मिलने से उत्तराखंड पुलिस महकमे के अधिकारियों में भी खुशी की लहर है. इसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तराखंड पुलिस परिवार को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी पुलिसकर्मियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. हालांकि इससे पहले भी उत्तराखंड के कुछ पुलिस स्टेशन बेहतर थानों में जगह बना चुके हैं.

ऐसे किया जाता है मूल्यांकन: यह पहला मौका है, जब टॉप 3 सर्वश्रेष्ठ थानों में प्रदेश के किसी थाने ने जगह बनाई है. इससे पहले 2017 में थाना वनभूलपुरा और ऋषिकेश को छठा और आठवां स्थान मिला था. 2018 में थाना मुनस्यारी को नौवें स्थान पर जगह दी गई थी. बता दें कि गृह मंत्रालय इसके लिए सभी थानों का आकलन करता है. इसके लिए तमाम मानक पर भी थानों को देखा जाता है. पुलिस स्टेशन को 165 विभिन्न मापदंडों जिसमें अपराध नियंत्रण, अपराध दर जांच और मामलों के निपटारे समेत बुनियादी ढांचे को भी देखा जाता है. यही नहीं आम लोगों से भी इस संदर्भ में फीडबैक लिया जाता है.