बागेश्वर: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे स्कूल में छात्राओं के बदहवास होकर चिल्लाने का विडियो के बारे में तरह-तरह से क़यास लगाए जा रहे थे।

राजकीय जूनियर हाईस्कूल रैखोली में छात्र-छात्राओं के बदहवास होने पर गुरुवार को डाक्टरों की टीम पहुंची। बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई और उनकी काउंसलिंग भी की गई। जूनियर हाईस्कूल रैखोली में पिछले तीन दिनों से छात्राएं और कुछ छात्र बदहवास होकर नाच रहे थे।

मुख्य शिक्षाधिकारी गजेंद्र सौन, एसडीएम हरगिरी के नेतृत्व में डाक्टरों और मनोचिकित्सकों की टीम विद्यालय पहुंची। डा. हरीश पोखरिया ने छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य की जांच की। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राएं पूरी तरह स्वस्थ्य हैं।

अब आपको इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े अंधविश्वास के बारे में बताते हुए अभिभावक कहते हैं कि एक छात्र ने कुछ दिन पूर्व पेड़ में लटका का शव देखा था। गांव में एक महिला ने फंदा लगाया था। उसके बाद वह डरी और सहमी थी। इसबीच वह विद्यालय आने के बाद बदहवास होने लगी। उसके कारण अन्य बच्चे भी प्रभावित हो गए। उन्होंने बताया कि उस बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती करने को कहा गया। लेकिन अभिभावक झाड़-फूंक करने की बात कर रहे हैं।

वहीं, मनोरोग कार्यकर्ता संदीप कुमार ने सभी छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग की। उन्होंने कहा कि कोई भी छात्र बीमार नहीं है। छात्राओं को इस मौसम मे मास हिस्ट्रीरिया की शिकायत हो सकती है। उन्होंने बताया कि लगभग पांच छात्राएं और दो छात्र प्रभावित थे। उन्होंने बताया कि स्थिति सामान्य है।