Uttarakhand News, 6 अक्टूबर 2022 मौलेखाल (अल्मोड़ा)। सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते किसी की जान संकट में पड़ सकती है। ऐसा ही एक वाकया सल्ट के रिवाली गांव की गर्भवती महिला के साथ हुआ। प्रसव पीड़ित इस महिला को परिवार वाले चारपाई पर बैठाकर तीन किमी दूर सड़क तक लाए लेकिन आपातकालीन एंबुलेंस 108 चार घंटे बाद भी नहीं आई। इस महिला का सड़क पर ही प्रसव कराना पड़ा।
विकासखंड सल्ट के रिवाली गांव निवासी विनोद सिंह की पत्नी संगीता देवी पत्नी को बुधवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने आपातकालीन एंबुलेंस को सूचना दी। वे संगीता को चारपाई पर बैठाकर ग्रामीणों की सहायता से तीन किमी दूर सड़क (ओखलिया) तक लाए। ओखलिया में करीब आठ बजे पहुंचे ग्रामीण इंतजार करते रहे लेकिन दोपहर 12 बजे तक एंबुलेंस नहीं आई। इस कारण महिला को यहां से 20 किमी दूर देवायल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं ले जाया जा सका।
इस बीच प्रसव पीड़ा बढ़ी तो महिला ने वहीं सड़क पर ही बच्ची को जन्म दे दिया। लोग जच्चा-बच्ची दोनों को चारपाई पर बैठाकर वापस गांव ले गए। पूर्व प्रधान जयपाल सिंह रावत ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से संगीता और उसकी बच्ची की जान भी जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने कई बार आपातकालीन 108 को फोन कर सूचना दी लेकिन उनका जवाब था कि 108 दूसरी जगह से भेजी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चार घंटे सड़क पर इंतजार करने के बावजूद 108 एबुलेंस नहीं पहुंची।